वो मिली भी तो क्या मिलीबन के बेवफा मिली,इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
मोहब्बत का नतीजादुनिया में हमने बुरा देखाजिन्हे दावा था वफ़ा काउन्हें भी हमने बेवफा देखा।
Bewafa Shayari
मै नही जानता मुझसे खफा कौन है,मै ये जानता हूँ वफ़ा कौन है,वो चली तो गई पर पता ये करना है कीजिंदगी और उसमें बेवफा कौन है !
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,जैसे कोई काँच का खिलौनाचूर-चूर होता है !
हर धड़कन में एक राज होता है,बात को बताने का एक अंदाज होता है,जब तक ठोकर न लगे बेवफाई ही,हर किसी को अपने प्यार पर नाज होता है।
वो मोहब्बत भी तेरी थी,वो नफरत भी तेरी थी,,वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी तेरी थी,मै अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगता...वो शहर भी तेरा था वो अदालत भी तेरी थी।
उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है,नाम लब पर है और जान बाकी है,क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते हैं,तसल्ली है की शक्ल की पहचान अभी बाकी है।