Alfaaz Shayari in Hindi (अलफ़ाज़ शायरी हिंदी में); a great collection of Hindi Sad Love Shayari, 2 lines 4 line Shayari & heart touching Sad Love Shayari. Here, we have made a small effort to take you into the world of Alfaaz poetry, which lives in your heart. So read these heart-touching Alfaaz Shayari in Hindi and share them on Facebook and Whatsapp.
Latest Alfaaz Shayari In Hindi
मैं करूं अगर सामने से पहल
तो बात हो जाती है,
वरना सुबह से शाम
और शाम से रात हो जाती है।
कुछ इस तरह से हमारी बातें कम हो गई..
कैसे हो पर शुरू और ठीक हो पर खत्म हो गई..
इश्क के भी अलग ही फसाने हैं।
जो हमारे नही हैं हम उनके ही दीवाने हैं।।
वादों की तरह इश्क़ भी आधा रहा,
मुलाकातें कम रहीं, इंतजार ज्यादा रहा
इश्क़ में यह बात मुझे रह रह कर खटकती है,
दिल उसका भरा था मुझसे तो आंख मेरी क्यूं छलकती है।
जिंदगी जला ली हमने जैसी जलानी थी, शाहब
अब धुएं पे तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी..!
ना अनपढ़ रहे, ना काबिल हुए
खामखां ए जिन्दगी, तेरे स्कूल में दाखिल हुए..!
लाज़मी नही है कि हर किसी को मौत छू कर निकले,
किसी किसी को छू कर जिंदगी भी निकल जाती है…
तकलीफ़ भी मिटी नही, दर्द भी रह गया,
पता नही आंसुओं के साथ क्या-क्या बह गया.!!
कौन हूं, कहां हूं, क्या हूं, क्या नही हूं मैं
खुद से खुद पे दस्तक दी और कह दिया नही हूं मैं
मेरे दिल की राख कुरेद मत, इसे मुस्कुरा के हवा न दे,
ये चराग़ फिर भी चराग़ है, कहीं तेरा हाथ जला ना दे..
आग, ज़हर, मौत फिर सब प्यारी लगने लगती है,
अपनी बेचारगी भी जब बेचारी लगने लगती है।
कोई दर्द से बच जाए, ये सवाल ही नही होता!
क्योंकि, मोहब्बत के रास्ते पर अस्पताल ही नही होता।।
फासला दिल से ना हो बस यही दुआ करना,
कभी यादों में, तो कभी ख्वाबों में, मिला करना..!
मोहब्बत गुजरी थी कभी अपने भी करीब से,
बड़ा महंगा था मामला, संभाली ना गई मुझ गरीब से।।
जख्म तो आज भी ताज़ा है पर वो निशान चला गया
मोहब्बत तो आज भी बेपनाह है पर वो इंसान चला गया
जिंदगी में कुछ हसीन पल यूं ही गुजर जाते हैं,
रह जाती हैं यादें और इंसान बिछड़ जाते हैं
अक्सर गुजरती हैं रातें तेरी यादों के साथ
अक्सर हर एक सवेरा नई आस लेकर आता है…
इस तरह भी होता है इश्क आजमाकर तो देख
बिना मिले उम्र भर चलता है सिलसिला निभा कर तो देख
उनको भी हमसे मोहब्बत हो ज़रूरी तो नही,
इश्क़ ही इश्क़ की कीमत हो ज़रूरी तो नही..
वक्त कम मिला साथ वक्त बिताने को,
फिर एक जन्म लेंगे तुमसे मुकम्मल इश्क़ फरमाने को…
काबिल नही थे फिर भी हमने इकरार किया,
उम्मीद नहीं थी लौटने की फिर भी इंतज़ार किया…
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नही,
शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नही है,
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया,
मैने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नही है।
तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है,
जिंदगी उसकी एक उदास शाम होती है,
दिल के साथ दौलत ना हो जिसके पास,
मोहब्बत इस गरीब की नीलाम होती है!!
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नही,
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगा उसको,
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नही!!
फिजूल हैं सारी दलीलें सब गवाह दीवानों की वकालत में
सुकून का कानून ही नही है इश्क़ की अदालत में..
नियम भी हैं, कायदे भी हैं
रस्में भी हैं, वायदे भी हैं
तुमने नुकसान उठाया है, पर सुनो
इश्क़ के अपने फ़ायदे भी हैं
रहकर तुझसे दूर, कुछ यूं वक्त गुजारा मैने,
ना होंठ हिले ना आवाज़ आई,
फिर भी हर वक्त तुझको पुकारा मैने!!
काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर…
वो आके गले लगा ले मेरी इजाज़त के बगैर…
शिकायत नही जिंदगी से की तेरा साथ नही..
बस तू खुश रहना यार हमारी कोई बात नही…
इस निगाह से उसने देखा मुझको, मेरा मुआयना हो गया,
वो मेरे सामने खड़ा रहा और मैं उसका आइना हो गया।
आधे यहां आधे वहां रखे हैं,
ये ख्याल तुम्हारे, जाने कहां कहां रखे हैं।।
क्या शिकवा क्या उम्मीद क्या मशवरा कीजिये…
जाने वाले ने जाने की ठानी है जाने भी दीजिए।।
बुझ जाएंगी सारी आवाज़ें
यादें यादें रह जायेंगी
तस्वीरें बचेंगी आँखो में
और बातें सब बह जायेंगी।
जिस बात से दिल डरता था वो हो गई
कुछ दिन के लिए क़िस्मत जागी थी अब सो गई
फिसल कर वक्त के फर्श पर उम्र ढल जाती है,
कई बार बिना जिए भी जिंदगी गुज़र जाती है..!
ना पूछो तो लाख शिकवे हैं,
पूछ कर देखो तो कोई बात नही..!
दिल छोड़कर और कुछ माँगा करो हमसे,
हम टूटी हुई चीज का तोहफ़ा नही देते।
आंखों से भरोसे के अब ख़्वाब उतारे जाएं,
कर लेंगे दोस्ती पहले नक़ाब उतारे जाएं..
मुख्तसर सी जिन्दगी के भी अज़ीब फसाने हैं…
यहां तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं.!!
मिजाज़ अपना कुछ ऐसा बना लिया हमने,
किसी ने कुछ भी कहा, बस मुस्कुरा दिया हमने।
लुटा दिए थे कभी जो ख़ज़ाने ढूँढते हैं,
नए जमाने में कुछ दिन पुराने ढूंढते हैं
मुद्दतें बीत गईं इक ख़्वाब सुहाना देखे…
जागता रहता है हर नीद में बिस्तर मेरा !
कुछ खोए हैं अल्फाज़ मेरे
कुछ दिन में भी रानाई है,
खामोश हुए अरमान भी हैं
और फिज़ा में छाई तन्हाई है !!
हर शख्स मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है…
उन्हे कैसे समझाऊं की कुछ ख्वाब अधूरे हैं मेरे
वरना जीना तो मुझे भी आता है…
यही एक राहत भी और गिला भी यही,
वो मिला तो सही मगर मिला ही नही..!
हादसों की जद में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें,
जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें??
शहर भर में मजदूर जैसे दर-बदर कोई न था,
जिसने सबका घर बनाया, उसका घर कोई न था…
लोग हर मोड़ पर रुक रुक के संभलते क्यों हैं,
जब इतना डरते हैं, तो घर से निकलते क्यों हैं..
अहसास अपने थे, अल्फाज़ भी अपने थे,
बस वो ही नही पढ़ पाए, जो ख़ास अपने थे।।
जवाब रखे रखे सवाल हो गए,
अब तो खुद से मिले कई साल हो गए !!🍂🍁
ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है, मोहब्बत के लिए,
फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।
वह जो औरों को बताती है जीने के तरीके
खुद अपनी मुट्ठी मेँ मेरी जान लिए बैठी है😊
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह। ✍️
चलो माना कि हमें प्यार का इज़हार करना नहीं आता,
जज़्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं।
फासले रख के क्या हासिल कर लिया तूने…
रहती तो आज भी तू मेरे दिल में ही है… 💕💕
Alfaaz Shayari
कुछ उसे भी दूरियाँ पसंद थीं ,
और कुछ मैंने भी वक़्त मांगना छोड़ दिया !
बिछड़ के तुझसे किसी दूसरे पर मरना है,
ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है।🙂💙🥀
तुम्हारा साथ छूटने के बाद,
बड़े हल्के से पकड़ता हूं अब मै सबकुछ.!
😊💔🥀
एक दूरी बनाए रखनी थी
सबसे नजदीकियां निभाते हुए।
🖤💯
मेरी बेतुकी सी बातों पर वो हंसता बहुत था….
एक शख़्स मेरी खुशी के लिए जिन्दगी से
लड़ता बहुत था..
🌹💌💯
मत देख वो शख्स गुनहगार है कितना,
ये देख की तेरे साथ वफादार है कितना।
❣️💯✍🏻
Gulzar’s Alfaaz Shayari 2 line
जिसके होने से मै खुद को मुकम्मल मानता हूं,
मै ख़ुदा से पहले मेरी मां को जानता हूं।❤️❤️
उनके आने से आ जाती है मेरे चेहरे पे रौनक ,,
और वो समझते हैं कि मेरा हाल अच्छा है…✍️
बाक़ी ही क्या रहा है तुझे माँगने के बाद
बस इक दुआ में छूट गए हर दुआ से हम 🥀✍️
हर रात जान बूझकर रखता हूँ दरवाज़ा खुला…
शायद कोई लुटेरा मेरा गम भी लूट ले….🍂💙✍️
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए.🙂✍️
तमाम उम्र गुजार देगें हम राह-ए-इंतजार में,
झूठा ही सही पर आने का एक वादा तो कर दे।
Alfaaz Shayari
खाली वक़्त में कभी याद आऊं
समझ लेना तुम्हारे अंदर कहीं जिन्दा हूँ मै।
माना की तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है,
पर तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा गुजरता है।
🖤🖤💯
एक साथ चार कंधे देखकर जहन में आया,
एक ही काफी था गर जीते जी मिला होता।
😊💔🥀
जिसे खोने का डर हमें सबसे ज्यादा होता है,
उसे एक दिन हम खो ही देते हैं।
💯💯
ये बारिश जो यूं उमड़ पड़ी है,
लगता है तुम शहर में हो.।
😇💯
चीज जिसे दिल कहते हैं, भूल गए हैं रख कर कहीं,
एहसास जिसे प्यार कहते हैं, भूल गए हैं वो दफना के कहीं।
😊🖤🥀
Alfaaz Shayari in Hindi
गुजर जाएगा ये दौर भी, जरा सबर तो रखिए..
जब खुशी नही ठहरी तो गम की क्या औकात है।😊🌹
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं मोहब्बत बयान करने के लिए,
पर जो खामोशी नहीं समझ सकते वो अलफ़ाज़ क्या समझेगेे..😊💯
✍️बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है…😊✍️
अगर आप अजनबी थे तो लगे क्यों नहीं, 💙
और अगर मेरे थे तो मुझे मिले क्यों नहीं..✍️
मोहब्बत❣️ उसे भी बहुत है मुझसे ,,
जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…✍️
कमाल की चीज है ये मोहब्बत अधूरी हो सकती है, 💔
पर कभी खत्म नही हो सकती। 💯✍️
Alfaaz Shayari
कुछ इस तरह से तेरे मेरे रिश्ते ने आखिरी साँस ली ,
न मैंने पलटकर देखा न तुमने आवाज दी।
मैंने नजदीकियों में खलिश देखी है,
मैंने दूरियों में पनपता इश्क़ देखा है।
😊🌹💌
मैंने कब कहा की मिल जाए वो मुझे,
गैर ना हो जाए बस इतनी सी हसरत है।
❤️😇💌
निखरे थे वो भी इश्क़ था
बिखरे हैं ये भी इश्क़ है।
🙂🥀💯
तहज़ीब, अदब और सलीका भी तो कुछ है,
झुका हुआ हर शख़्स बेचारा नही होता..❣️
आंखे थक गई हैं आसमान को देखते देखते,
पर वो तारा नही टूटता, जिसे देखकर तुम्हे मांग लूं..
🙂🥀
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अगर वो अपना है तो उसे पराया ना कर
मना ले उसे वक्त जाया ना कर।😊🌹
_शहर ग़ैर हो _चुका है..
_तुम ग़ैर हुए तो _क्या हुए…!✍️
कभी मोहब्बत करने का दिल करे तो ग़मों से करना मेरे दोस्त,
सुना है, जिसे जितनी मोहब्बत करो
वो उतना ही दूर चला जाता है।💯✍️
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें, 🙂
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।🍂✍️
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो, 💌
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है। ,❣️
हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो,❣️
हम सिर्फ तुम्हारे 🌹हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो।
Alfaaz Shayari
सवाल ये नहीं की दर्द कितना है,
बात ये है कि परवाह किसे है !
बात ये है कि लोग बदल गए हैं
ज़ुल्म ये है कि मानते भी नहीं.
🙂💯🥀
उलझने क्या बताऊं जिन्दगी की,
तेरे गले लगकर तेरी ही शिकायत करनी है।
🙂💌💯
वो जो संजीदगी से कहना था
वो तो हम कह चुके शरारत में।
😊❣️
हालात कह रहे हैं अब मुलाकात नही मुमकिन,
उम्मीद कह रही है थोड़ा और इंतजार कर.!!
😊🥀💯
बहुत कमियां हैं हम में ये हमें
लोग हर रोज बताते हैं.🥀😔
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जब गिला शिकवा अपनो से हो तो खामोशी भली
अब हर बात पर जंग हो जरूरी तो नही..!!❣️❣️
खामोशियाँ ही बेहतर हैं
लफ़्ज़ों से लोग रूठ जाते हैं…💯
एक जैसी ही दिखती थी… 💥
माचिस की वो तीलियां…
कुछ ने दिये जलाये.. 🪔और कुछ ने घर..!! ✍️
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं, 🙂
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं, 💦
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं। 💯🥀
फैसला ये है की अब आवाज नही देनी किसी को,
हम भी देखें कौन कितना तलबगार है हमारा!!
😊🥀✍🏻
दिल्लगी कर ज़िन्दगी से, दिल लगा कर चल….
ज़िन्दगी है थोड़ी, थोड़ा मुस्कुरा के चल..!
❣️🌹✍🏻
उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ साहेब,
मैंने भी तो छोड़ा था सारा जमाना उसके लिए।
अगली बार जब तुम मिलो तो हाथ ना मिलाना
क्योंकि तुम थाम नही पाओगे और मै छोड़ नही पाऊंगा..
🙂💔🥀
“ रुतबा ” तो खामोशियों का होता है..
“ अल्फाजों ” का क्या..?
वो तो बदल जाते हैं अक्सर
“ हालात ” देखकर..!
💯✍️
Life में कौन आता है ये Important नही,
आखिर तक कौन रहता है ये Important है।
❤️💯
ख़्वाब दुख देने लगे थे
हमने देखने ही छोड़ दिए
😊🥀💯
तुझसे दूर जाने का कोई इरादा न था,
पर रुकते आखिर कैसे जब तू ही हमारा न था!!
😔🖤🥀
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खता हो ना हो, मै माफी मांग लेता हूं
लफ्ज़ खर्च हों तो हों, पर शख्स बच जाए।❤️😊
इतनी ठोकर देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी,
चलने का ना सही, संभलने का हुनर तो आ गया…
❣️❣️✍🏻
रफ़्तार कुछ इस कदर तेज हुई है ज़िन्दगी की,
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है!!
❤️💯✍🏻
इजाज़त तो हमने भी नहीं दी थी
मोहब्बत करने की उन्हें,❣️
बस वो नज़र उठाते गए
और हम तबाह होते गए।⚡💯
ख़ता मत गिन कि कितना गुनाह 🖤 किसने किया,
वो इश्क़ का नशा था,❣️ मैंने भी किया तूने भी किया।🥀
इक रात🌌 वो जहाँ गया था बात रोक कर,
अब तक बैठा हूँ वही वो रात रोक कर!🌙✨
Alfaaz Shayari
पकड़ी जब नब्ज़ मेरी, हक़ीम ने यूँ बोला
वो जिन्दा है तुझमे, तू मर चुका है जिसमे
सफ़र में कहीं तो दगा खा गए हम…
के जहां से चले थे, वापस वहीं आ गए हम…
🥀💌💯
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है..?
जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है..?
😇💔🥀
किस तरह से सुलह करूं उससे…
झगड़ा भी तो नही हुआ हमारा.!
🙂💔🥀
मै चुप रहा और गलतफहमियां बढ़ती गईं,
उसने वो भी सुना जो मैंने कभी कहा ही नही..!
😔🖤🥀
क्या बात है बड़े चुपचाप से बैठे हो,
कोई बात दिल पे लगी है या
दिल कहीं और लगा बैठे हो।❣️
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तक़लीफ़💙 मिट गयी लेकिन एहसास रह गया
खुश हू की चलो कुछ तो मेरे पास रह गया…😊🥀
इन खाली खिड़कियों पर बरसती उन बूंदों की भीड़,
समझ नही आता ये शाम बरस रही है या रो रही है।
🥀💔✍🏻
सुना है उन्होंने इरादा किया है खामोश रहने का,💙
हम भी देखें हमारी मोहब्बत में असर कितना है।😊💌
गुजर गया वह वक्त जब आरजू थी तेरी 😊
अब तो खुदा भी हो जाए तो सजदा ना करूं…💙🖤
मन्नते और मिन्नते कुछ भी काम नहीं आता. 💯
चले ही जाते हैं वो जिन्हें, जाना होता है।❣️🥀
Alfaaz Shayari
वो कह कर गए कि ‘कल ‘ से भूल जाना हमे.
हमने भी सदियों से ‘आज’ को रोककर रखा है।
इश्क़ का सफ़र अब खत्म ही समझिए,
उनकी बातों से अब जुदाई की महक आने लगी है।
🙂🥀🍂
कुछ अधूरापन था, जो पूरा हुआ ही नही,
कोई था मेरा, जो मेरा हुआ ही नही।
💙🥀💯
मेरे अपने करने लगे हैं बगावत आजकल,
गैरों को होने लगी है मोहब्बत मुझसे.!
😊❣️🥀
जिन्हे नीद नही आती, उन्हीं को है मालूम
सुबह आने में कितने जमाने लगते हैं।
😇🖤💯
मिले तो हजारों लोग थे जिन्दगी में,
जो सबसे अलग था वो किस्मत में नही था।
❤️🥀💯
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जिन्दगी जब भी लगा तुझे पढ़ लिया,
कमबख्त तूने एक और पन्ना खोल दिया..🙂🌱🍂
सांस के साथ अकेला ❣️चल रहा था,
सांस गई तो सब साथ चल रहे थे।💙💯
लाजमी नही है की हर किसी को मौत 🖤ही छूकर निकले,
किसी-किसी को छूकर जिंदगी भी निकल जाती है।😊✍️
जब लगा था खँजर 🔪तो इतना दर्द 💙ना हुआ,
जख्म का एहसास तो तब हुआ जब चलाने वाले पे नजर पड़ी।🙂💔
सुबह होते होते चैन मिल ही जाएगा ऐ साहिब✍️,
अँधेरे 🖤में दर्द-ए-दिल बहुत बढ जाता है।💯
मेरे लफ्जों 💌से न कर मेरे किरदार का फ़ैसला,✍️
तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीकत ढूंढ़ते ढूंढ़ते।😊🔥
Alfaaz Shayari
मेरे पास ही है मगर जा जाने क्यों
अब वो शख़्स गया सा लगता है.!
कैसे कह देते हैं लोग रात गई बात गई
यहां जमाने गुजर जाते हैं दिल पर लगी बात को भुलाने में।
❣️🥀💯
मां फिर से चुप कराओ ना,
तेरा बेटा अब अंदर से रोता है।
🙂🥀
जिंदगी तो सबके पास है
पर हर कोई जिंदा थोड़ी है
🖤🥀💯
अंजाम ने दुख दिया,
वरना यादें तो प्यारी हैं।
😊❣️💯
यहां अपने कई हैं
मगर अपना कोई नही।
🖤❣️💯
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जब नाराजगी किसी खास से होती है,
तो इंसान चिल्लाता नही ख़ामोश जो जाता है.!🙂🥀💯
उड़ने दे इन परिंदों को फिजा में गालिब,
जो तेरे अपने होंगे लौट आएंगे किसी दिन।
💙🌹✍🏻
बड़े नाज़ुक से दिल में ❣️बड़े नाज़ुक ख़्याल रखते हैं ,
गुफ़्तगू किसी से करें नज़र हम पर ही ख़ास रखते हैं ।💯✍️
दिल में है जो गुमनाम सा कसकता क्यों है ,💙
है नहीं अपना ❣️फिर अपना सा लगता क्यों है ।💯✍️
आजकल शाम ढलते ही न जाने रात क्यों रो देती है ,🙂
जाने कौन सूरज ☀️था जो रातों को भी उजाला✨ किया करता था ।❣️✍️
अभी तो ये मौसम ए इश्क़ के नमूने हैं ,🙂
लू के साथ भी गिरेगे ओले🤍 , शोले भी शबनमी होने हैं ।💌
Alfaaz Shayari
घर जल रहा था मेरा, सब तमाशा देख रहे थे,
जिनसे उम्मीद थी मदद की, वो हाथ सेंक रहे तेह.!
ऐसा नही की जन्म नही लेती इच्छाएं अब मन में,
बस उन्हे मार डालना सिख लिया है!
शुक्रिया तुम्हारा✍️
चांद लाकर कोई नही देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
😊🌹💯
इश्क़ जब भी आता है दबे पांव आता है
शोर तो अक्सर जुदाई करती है।
😊🥀🍂
सब कर लेना लम्हे जाया मत करना
गलत जगह पर जज्बे जाया मत करना।
😔🖤🥀
ना रूठने का डर ना मनाने की कोशिश
दिल से उतरे हुए लोगों से शिकायत कैसी
😊🖤🍂
अल्फ़ाज़ शायरी हिंदी
लोगों की बातें सुनकर छोड़ जाने वाले,
हम कितन बुरे हैं पता तो कर लेते..!!
हम वहां है जहां से हम को भी,
कुछ हमारी खबर नही आती।
🖤🥀✍🏻
जानता हूं कि तुझे साथ तो रखते हैं कई,
पूछना था कि तेरा ध्यान भी रखता है कोई।
❣️🥀✍🏻
जीते हैं इसलिए की हमारे कहलाएंगे वो,
मरते नही इसलिए कि अकेले रह जाएंगे वो।
🖤🌹✍🏻
कुछ बातें थीं जो दिल में ही रह गईं…
डर था कि कहीं तेरी मौजूदगी भी ना खो दूं…
💔🌹✍🏻
इश्क़ की राह में साथ चले थे दोनों,
मै तो बर्बाद हो गया, तुम बताओ कहां तक पहुंचे?
❣️🥀✍🏻
Alfaaz Shayari
वक़्त यूँ रेत की तरह फिसलता रहा,
कोई मिलता रहा तो कोई बिछड़ता रहा.!!
रातों में रुलाने नही आते, इतना भी कहां
मशरूफ हो तुम दिल को दुखाने नही आते.
🙂🥀
बातें तो आज भी होती हैं रातभर,
कल तुझ से करते थे आज खुद से करते हैं।✍️🥀
बिखरें सब अंदर से हैं
संवार खुद को बाहर से रहे हैं।✍️
सोचा नही था जिन्दगी में ऐसे भी फसाने होंगे,
रोना भी जरूरी होगा और आंसू भी छिपाने होंगे ।
🙂🥀💯
औरों का बताया हुआ रस्ता नही चुनते,
जो इश्क चुना करते हैं, वो दुनिया नही चुनते।
🖤🥀💯
खो दिया तुमको तो हम पूछते फिरते हैं यही,
जिसकी तकदीर बिगड़ जाए वो करता क्या है।
😊🖤🥀
अल्फ़ाज़ कोट्स इन हिंदी
छोड़ दिया मोहब्बत करना, क्योंकि हमसे होती नहीं है,
अब आँखे नम तो होती हैं, लेकिन रोती नही है.
मुमकिन नही जनाब
मुझे पढ़ पाना हर किसी के लिए,
मै वो किताब हूं जहां
लफ़्ज़ों की जगह जज़्बात लिखे हैं।
❣️🌹✍🏻
बेफिक्र होकर जब वो तुम्हे सीने से लगा ले,
समझो तुम्हारा इश्क़ मुकम्मल हो गया।
❤️❤️✍🏻
पढ़ता रहता हूं कहीं उनकी खबर मिल जाए,
लिखता रहता हूं ताकि उनको मेरी खबर मिल जाए।
❣️🌹✍🏻
इश्क़ की चोट का कुछ
दिल पे असर हो तो सही
गम कम हो या ज्यादा
कुछ हो तो सही।
🖤🌹✍🏻
वक्त रहते तुझसे वो बात ना कही,
अब बातें तो होती है पर वो बात ना रही…
🖤🌹✍🏻
Alfaaz Shayari
खेलते आज भी हैं लोग मेरे दिल के साथ,
पर खिलाडी अब तक कोई तुम सा नही मिला।
बिन मेरे क्या ज़िन्दगी गुजार लोग तुम,
इश्क़ हूं बुखार नही, जो दवा से उतार लोगे तुम…
❣️🥀✍🏻
मुझे शोहरत कितनी भी मिले
मै हसरते नही रखता…!
मै सब भूल जाता हूं पर दिल में
नफरतें नही रखता..!!
आज बादलों को बरसने की इजाजत नहीं है,
मोहब्बत हमारी थी और हम ही को
साथ रहने की इजाजत नही है।
🖤🥀✍🏻
अफवाह थी… के मेरी तबियत खराब है,
लोगों ने पूछ पूछ कर बीमार कर दिया….
🖤🥀✍🏻
काटों पर भी दोष कैसे डालें जनाब
पैर तो हमने रखा था वो अपनी जगह पर थे।
💔🥀✍🏻
Adhure Alfaaz Shayari
नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।
किसी को हो ना सका
उसके कद का अंदाजा…
वह आसमां था
मगर सर झुकाए बैठा था ।।
❣️💯✍🏻
खिड़कियां हिल रही हैं, दिल की कोई दवा होगी….
खैर छोड़ो हमारे यहां कौन आता है, हवा होगी ।।
🥀💯✍🏻
बेवफ़ाई की दुनिया में मोहब्बत ढूंढ़ते हो,
मतलब जिंदा हो मगर मौत ढूंढ़ते हो…
🖤🥀✍🏻
एक नजर ने छेड़ा है,
अब दर्द-ए-ज़िगर क्या होगा…!
जो जख्म बना मरहम से,
उस ज़ख्म का मरहम क्या होगा..!!
🖤🥀✍🏻
मोहब्बत सिर्फ शुरू होती है,
खत्म कभी नही होती।
❤️🖤✍🏻
Alfaaz Shayari
धड़कने मिलाकर हम धुन बना लेते हैं,
जब डूब जाता है सूरज हम दिल जला लेते हैं।
और कितना लिखूं मै तेरी याद में..
कोई दम नही मेरी फरियाद में!!
रूह भी मेरी मुझसे छीन के ले गई,
मै मै ना रहा तेरे बाद में!!
🖤🖤✍🏻
ये दूरियां भी मिटा दूं
मै एक पल में मगर
कभी कदम नही चलते,
तो कभी रिश्ते नही मिलते।
💔💯✍🏻
इश्क की दुनिया में पहचान हो मेरी,
किसी और के लिए कैसे छोडूं
तुम इकलौती जान हो मेरी !!
❣️🌹✍🏻
अगर खिलाफ हैं तो होने दो, जान थोड़ी हैं…
ये सब धुंआ है कोई आसमान थोड़ी हैं…!
💯💯✍🏻
मै गलत था शायद आखिर था भी पहला प्यार,
वो सही ही होगी उसे पहले भी हुआ था कई बार !
❣️🥀✍🏻
Ankahe Alfaaz Shayari
है इश्क़ तो अब वक़्त जाया ना कर,
मान ही लिया है अपना तो पराया ना कर।
सुनकर जमाने की बातें,
तू अपनी अदा मत बदल…
यकीन रख अपने खुदा पर,
यूं बार बार खुदा मत बदल !!
❣️💯✍🏻
ज़ख्म जो बाहर बाहर दिखते नही हैं,
घाव करते हैं अंदर अंदर और रुकते नही हैं..!
🖤🥀✍🏻
जिनसे बिना बात हुए एक दिन नही गुजरता था,
आज जुदा हुए उनसे कई साल होने आए हैं।।
❣️🥀✍🏻
वो जो कहता था, कुछ नही होता…
हाय मुर्शद….
अब वो रोता है, चुप नही होता।
💔🥀✍🏻
हो सके तो मुझसे दूर ही रहना,
टूटा हुआ हूं, कहीं चुभ ना जाऊं..
💔🥀✍🏻
Alfaaz Shayari
गुजर गया आज का दिन भी पहले की तरह
न उनको फुर्सत थी और न हमें ख्याल आया
इश्क में उजड़ा तो, ऐसे जीने लगा…
चाय का शौकन, शराब पीने लगा…
❣️🖤✍🏻
वो मिली भी तो क्या मिली
बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे
जितनी मुझे सजा मिली।
💔🥀💯
सच बड़ी काबिलियत से छिपाने लगे हैं हम,
हालात पूछने पर सब बढ़िया बताने लगे हैं हम।।
❣️🥀💯
सांस के साथ अकेला चल रहा था,
जब सांस गई तो सब साथ चल रहे थे।
🖤💯✍🏻
लिखता रहूं ता उम्र तुम्हारी खातिर…
इतनी कलम में स्याही नही,,
मै भी इतना काबिल नही,
तुम भी इतनी शाही नही…!!
💔🥀✍🏻
Alfaaz Shayari in Hindi
बहुत भीड़ है मोहब्बत के इस शहर में,
एक बार जो बिछड़ा, वापस नही मिलता।
खाकर ठोकर जमाने की, फिर लौट आए मयखाने में,
मुझे देखकर मेरे गम बोले, “बड़ी देर लगा दी आने में..!!”
🖤🥀✍🏻
डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की,
अब वो कहते हैं कि समझा करो वक़्त नही है।🥀💔✍🏻
हल्की हल्की सी हंसी, साफ इशारा भी नही,
जान भी ले गए और जान से मारा भी नही..❣️✍🏻
धीरे धीरे कमियां ढूंढो मुझमें,
यूं अचानक से हाथ छोड़ दोगे तो
मुझे खुद से नफ़रत हो जाएगी..!
मुझे छूकर एक फकीर ने कहा…
अजीब “लाश” है, “सांस” भी लेती है…
Alfaaz Shayari
वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हूँ मै,
उसे क्या पता ओढ़ के चादर रो रहा हूँ मै.
उदास ना रहा कर तेरी मुस्कान
अच्छी लगती है….
दीदार तो दीदार है तेरी याद भी
अच्छी लगती है..!!
शायद अब लौट ना पाऊं कभी
खुशियों के बाजार में,
गम ने ऊंची बोली लगाकर
खरीद लिया है मुझे..!
फकीर मिजाज हूं
खुद को औरों से जुदा रखता हूं..
लोग जाते हैं मंदिर-मस्ज़िद
मै दिल में खुदा रखता हूं।
मशरूफ रहने का अंदाज
तुम्हे तन्हा ना कर दे गालिब,
रिश्ते फुरसत के नहीं
तवज्जो के मोहताज होते हैं।
ना जाने कितनी अनकही बातें
साथ ले जायेंगे….
लोग झूठ कहते हैं की, खाली हाथ
आये थे, खाली हाथ जायेंगे….!!
खामोश अलफ़ाज़ शायरी
रात ख़ामोशी से चुपचाप है,
पर तेरी यादों का शोर बेहिसाब है।
वो सजदा ही क्या जिसमे
सर उठाने का होश रहे
Izhaar-E-Ishq का मजा तब है
जब मै Khamosh रहूँ और तू बेचैन रहे।
गर तू है, तो आ मेरी ज़िन्दगी में अब,
तेरे बिन, अब तन्हा रहा नहीं जाता।
कुछ यूँ जमीं से आसमां हो गया
बढ़कर दर्द मेरा बेइंतहां हो गया।
न कद्र, न अदब, न रहम,
न मेहरबानी….!
फिर भी वो कहते हैं,
” बेशुमार इश्क़ है ”
लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया…
ये गम भी था कोई डाकिया जिद्दी सा….
Alfaaz Shayari
बस इतना सा असर होगा तेरी यादों का
कि कभी तुम बिना बात के मुस्कुराओगे।
लफ़्ज़ों को बरतने का सलीका जरुरी है
“गुफ्तगू” में…!!
गुलाब अगर कायदे से ना पेश हों तो काँटे
चुभ जाते हैं…!!!
मेरी भटकती हुई रूह को भी,
तेरा ही इंतजार रहेगा….!!
इस जन्म में ही नहीं उस जन्म में भी,
मुझे तुमसे ही प्यार रहेगा….!!
ये शिकायतें नहीं तजुर्बा है हमारा
कदर करने वालों की कदर नही होती।
सबर है !
की जो मेरा है वो मुझे मिलेगा…!!
ये रात आखिरी रात हुई तो क्या करोगे,
कल हम ही न रहें तो इस नाराजगी का क्या करोगे !
अधूरे अलफ़ाज़ शायरी
मै महफ़िल में आए हर शख्स के गले लगा,
क्यूंकि आशिकों की महफ़िल थी और दिल सबके टूटे थे।
जो कुछ नज़र आ रहा है वो कुछ और है,
बातें कुछ और है तमाशा कुछ और है।
मोहब्बत उनसे दोबारा नही होगी,
बस शर्त है वो सामने ना आए।
शादी उसकी भी होगी और मेरी भी,
पर हमारी होती तो क्या ही बात थी।।
मै मौन हूं तुम्हारा।
तुम शोर करके मुझे जगाए रखना!
यानी ये खामोशी भी किसी काम की नहीं,
यानी मै बयां कर के बताऊं कि उदास हूं।
Alfaaz Shayari
रंग देखने को तब मिलते हैं बड़े नसीब से,
जब गुजरना पड़ता है किसी के बेहद करीब से.!
जिसकी जैसी नियत वो वैसी कहानी रखता है,
कोई परिंदों के लिए बंदूक तो कोई पानी रखता है।
तुम्हारा सिर्फ हवाओं पर शक गया होगा,
चराग खुद भी तो जल जल के थक गया होगा।
टूटे हुए लोग अक्सर कोशिश करते हैं,
दूसरों को जोड़े रखने की।।
मुझे अब उलझना नही आता,
अब मै हार मान जाता हूं…
आज फिर एक बहस हार जा,
आज फिर ये ताल्लुक बचा ले।
Heart Touching Alfaaz Shayari with Image
दिल तो था ही नही पास मेरे,
ये जो टूटा वो भरोसा था मेरा।
जाते जाते झगड़ा करके उसने बिल्कुल ठीक किया,
प्यार जता कर जाती तो हम रोते रोते मर जाते।
माहौल गरम हो या हो बातों में चिंगारी
मै मशरूफ हूं अपने काम में, मुझे भाती नही ये दुनिया दारी।
वो मेरी आख़िरी मोहब्बत थी
मै उसकी पहली गलती था।
बस इसलिए हम कुछ कहते नही तुमसे,
तुम समझोगे नही और हम रो देंगे।
मुझसे गुस्सा करके जब वो थक जाती थी,
तो मेरे ही कांधे पे सर रखकर सो जाती थी!
Alfaaz Shayari
वो जो कहते हैं कि ख़ुश हैं जिंदगी में,
होते तो कहने की जरूरत ही ना पड़ती।
पुरानी चाहत के ज़ख्म अबतक भरे नही हैं,
और एक लड़की पड़ी है पीछे बड़े जतन से।
हाथ पकड़ कर कोई मुझ पर भी गुमान करे,
मेरे रोने पर कोई बच्चों जैसा लाखों सवाल करे!!
बुरा ये नही लगा कि तुम्हें अजीज कोई और है,
दर्द तब हुआ जब हम नजर अंदाज किए गए..!!
गम ये नही की वक़्त ने साथ नही दिया,
गम ये है कि जिसको वक़्त दिया उसने साथ नही दिया।
जब इलाज़ महंगी हो जाती है,
तब ताबीज़ पर यकीन बढ़ जाता है..!!
Beautiful Alfaaz Shayari Download
जैसा दर्द हो वैसा मंज़र होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है.!
जागना भी कुबूल है रात भर तेरे साथ,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नीद में कहां।
खूब कोशिश की उसने मुझे रुलाने की,
फिर हुआ यूं की मै मुस्कुरा कर चल दिया।
प्यार भरी बातें करके वो मज़ाक बताती है.!
पूरी रात बातें करके शुभा वो दोस्त बुलाती है।
जिस तरह मै बिछड़ना चाहता हूं,
वो अभी उस तरह मिला भी नहीं।
बताने वाले वहीं पर बताते हैं मंज़िल,
हज़ार बार जहां से गुजर चुका हूं मैं।
Alfaaz Shayari
मुझे मुस्कुराता देख हैरान थे वो साहब,
शायद उदास देखने की आदत सी हो गई है..
मै खामखां ही उसमें डूबता गया,
वो इतना गहरा था भी नहीं!
उसे कहना रात बहुत तकलीफ़ में गुजरती है,
कभी कभी तो ख़्वाब में मर भी जाता हूं।
तुझे भूल जाना तो मुमकिन नहीं है,
मगर भूल जाने को जी चाहता है।
नही नही हमे अब तेरी जुस्तुजू भी नहीं
तुझे भी भूल गए हम तेरी ख़ुशी के लिए।
यादें पागल कर देती हैं, बातें पागल कर देती हैं।
दिन को खैर गुजर जाता है, रातें पागल कर देती हैं।
Deep Words Alfaaz Shayari Hindi
मालूम है के तकलीफ़ होती है मुझे उसके नाम से,
फिर भी लोग मुझ से उसका ही जिक्र करते हैं।
ज़रा सी बात सही तेरा याद आ जाना,
ज़रा सी बात बहुत देर तक रुलाती है।
हम ज़रा सा खफा क्या हुए,
जिसे देखो तुम्हारा हो गया।
उम्र-ए-दराज़ मांग के लाए थे चार दिन,
दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में।
कोई नही दे पाएगा चाहत तुम्हे हमारी तरह,
हमारे बाद केहती फिरोगी चाहो मुझे उस पागल की तरह।
वो शख्स जो कभी मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी नही होने दिया।
Alfaaz Shayari
सोचता रहा रात भर करवट बदल बदल कर,
वो क्यूं इतना बदल गया मुझे इतना बदल कर..!
ये सोचकर उसे जाने दिया साहब,
के साथ अब रहेगी, तो दिल से उतर जाएगी।
ढूंढ़ लेना ख़ुद को मेरे अल्फाजों में,
सरेआम नाम लिखा तो आम हो जाओगे।
देखा है हमने कई रंग जमाने मे,
अब कोई फर्क नहीं पड़ता किसी के आने जाने से।
चूम लेता हूं हर मुश्किलों को, मै अपना मानकर
ज़िन्दगी कैसी भी है आख़िर है तो मेरी…
सोचता हूं.. कुछ “किस्से” कहूं,
पर “किस से” कहूं..!!
दिल के अलफ़ाज़ शायरी
तुम ना मानो मगर हक़ीक़त है,
इश्क़ इंसान की जरूरत है।
बहुत रोया होगा वो शख़्स मुझसे बिछड़ कर,
मैंने जाते वक़्त उसे मुड़कर नही देखा..!!
कोशिश की थी हमने खुद को बदलने कि,
पर ये ‘बदला’ भी हम तुमसे न ले पाए।
कमी तेरी आज फिर खटक गई,
ज़िन्दगी फिर काश पर अटक गई।
अपने एहसासों को हम मेहफूज़ रखते हैं…
हम दिखाते नही जो महसूस करते हैं।
फ़ुरसत में भी फ़ुरसत ना मिली उन्हें…,
हम उनके लिए इतने फिजूल थे।
Alfaaz Shayari
ऐसी ग़ज़ब की ख़ामोशी देखी नही कहीं,
दोनों यही पे हैं, मगर कोन गया पता नहीं।
गुनाह कुछ ऐसे हुए हमसे अनजाने में,
फूलों का कत्ल कर बैठे पत्थरों को मनाने में।
नही रही शिकायत अब मुझे तेरी नजरअंदाजी से,
तू बाकियों को खुश रख हम तन्हा ही अच्छे हैं।
ज़िन्दगी में अब कोई ख्वाहिश नही रही…
जो थी वो कौन सी पूरी हो गई..!!
ना खुशी खरीद पाता हूं ना गम बेच पाता हूं,
फिर भी मै ना जाने क्यों हर रोज़ कमाने जाता हूं।
Alfaaz Shayari In Hindi And English Fonts
दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो,
जो अल्फाज़ से ज्यादा खामोशी समझे।❤️
Dost beshak ek ho lekin esa ho,
Jo alfaaz se jyada khamoshi samjhe.❤️
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ये तो शौक है मेरा दर्द लफ्जों में बयां करने का,
नादान लोग हमें यूं ही शायर समझ लेते हैं।
Ye to shauk hai mera dard lafzon me bayan karne ka,
Nadan log hame yun hi shayar samjh lete hain.
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आज अल्फाज़ नही मिल रहे थे,
दर्द लिख दिया हूं, महसूस कीजिए।
Aaj alfaaz nahi mil rahe the,
Dard likh diya hun, mahsus kijiye.
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इजहार ए इश्क तुम ही करो तो बेहतर होगा……
तुम्हें देखकर मेरे अल्फाज़ लड़खड़ाने लगते हैं…..
Izhaar e ishq tum hi karo to behtar hoga……
Tumhe dekhkar mere alfaaz ladkhadane lagte hain……
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कुछ एहसास खामोश अल्फाजों की तरह होते हैं,
जो बस यूं ही सुलगते और बुझते रहते हैं.!!
Kuch ehsaas khamosh alfaazon ki tarah hote han,
Jo bas yun hi sulagte aur bujhte rahte han..!!
Alfaaz Shayari In Hindi
अल्फाज़ लिए फिरता हूं एहसासों की मंडी में,
कागज काले करता हूं इंसानों की बस्ती में।
Alfaaz liye firta hun ehsason ki mandi me,
Kagaz kale karta hun insano ki basti me.
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चलो मान लिया, यूं तो मेरी तकदीर के वो नुक्ते हैं….
मसला इन अल्फाजों का नही, वो मेरी हां पर अड़े हैं।
Chalo maan liya, yun to meri takdeer ke wo nukte hain….
Masla in alfaazon ka nahi, wo to meri han par ade hain.
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जब सन्नाटा फैल जाए तो समझ लेना,
कि अल्फाज़ गहरे उतरे हैं दिल में !!
Jab sannata fail jaye to samajh lena,
Ki alfaaz gahare utare hain dil me !!
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महसूस करोगे तो गोरे कागज पर भी नजर आएंगे,
हम अल्फाज़ हैं, तेरे हर लफ्ज़ में ढल जायेंगे…
Mahsoos karoge to gore kagaz par bhi nazar aayenge,
Hum alfaaz hain, tere har lafz me dhal jayenge…
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दिल चीर जाते हैं… ये अल्फाज़ उनके
वो जब कहते हैं हम कभी एक नही हो सकते।
Dil cheer jate hain… Ye alfaaz unke
Wo jab kahte hain hum kabhi ek nahi ho sakte .
Alfaaz Quotes in Hindi
अल्फाजों में जो हम बयां करना छोड़ दिए
खामोशियों को तो जैसे वो समझना ही छोड़ दिए।
Alfaazon me jo hum bayan karna chhod diye
Khamoshiyon ko to jaise wo samajhna hi chhod diye.
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मै उन पन्नों में एहसास लिखते रहा,
वो उन पन्नों में अल्फाज़ पढ़ते रहे।
Mai un Pannon me ehsaas likhte Raha,
Wo un Pannon me alfaaz padhte rahe.
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मेरे कड़वे अल्फाज़ चुभ गए उनको,
मगर मेरा साफ दिल नही नजर आया।
Mere kadve alfaaz chubh gaye unko,
Magar mera saaf dil nahi najar aaya.
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सिमट गई मेरे ग़ज़ल भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नही।
Simat gai meri gazal bhi chand alfaazon me,
Jab usne Kaha Mohabbat to hai par Tumse Nahi.
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जब तक अल्फाज़ मेरे महसूस ना होंगे,
मोहब्बत के परिंदे रूह कैसे छू पाएंगे।
Jab tak alfaaz mere mahsoos na honge,
Mohabbat Ke parinde rooh Kaise chhu payenge.
Alfaaz Shayari Status
कुछ बातें यूं दिल में रह गईं,
जो अल्फाज़ बयां ना कर पाए,
वो बहती आंखें कह गई।
Kuch baten yun dil me rah gain,
Jo alfaaz bayan na kar paye,
Wo bahti Aankhen kah gai.
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यूं जाया ना कर अपने अल्फाजों को इस नाचीज़ की खातिर,
बचाकर रख कतार यहां लंबी है हूरों की।
Yun Jaya na kar apane alfaazon ko is nacheez ki khatir,
Bachakar rakh katar yahan lambi hai hooron ki.
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दबे अल्फाजों को आवाज देकर,
मानो खुद को खुद से रिहा कर आए हम.
Dabe alfaazon ko aawaj dekar,
Mano khud ko khud se riha kar aaye hum.
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कुछ एहसास कुछ जज़्बात
कुछ बिखरे अल्फ़ाज़ लिखता हूं,
जो खो गया है तुम में, मुझ में कहीं
मै वो खोए हुए अल्फाज़ लिखता हूं।
Kuch ehsaas kuch jazbaat
Kuch bikhare alfaaz likhata hun,
Jo kho gaya hai tum me, mujh me kahin
Mai wo khoye huye alfaaz likhata hun.
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वो सबूत मांगते हैं, कि हमें उनसे इश्क कितना है,
हमारे पास भी अल्फाज़ नही, इसलिए चुप रहना पड़ता है।
Wo saboot mangate hain, ki hume unse ishq kitna hai,
hamare paas bhi alfaaz nahi, isliye chup rahna padta hai.
अनकहे अलफ़ाज़ शायरी
वो साफ साफ अल्फाजों में जुदाई मांग रहा था,
फिर भी उसकी आंखों से रजा क्यों न मिला !!
Wo saaf saaf alfaazon me judai mang raha tha,
Fir Bhi uski aankhon se Raza Kyon na mili.
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लिखा करूंगा मै ज़िन्दगी भर अपनी कही अनकही बातों को,
पर क्या तुम समझ पाओगे उन अल्फाजों को.?
Likha karunga mai zindgi bhar apni kahi ankahi baton ko
Par kya tum samajh paoge un alfaazon ko?
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वक्त बदला है, हक़ीक़त नही,
अल्फाज़ हैं नए, मै हूं वही।
Waqt badala hai, hakikat nahi,
Alfaaz han naye, mai hun wahi.
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ये जो खामोश से अल्फाज़ लिखते हैं ना,
पढ़ना कभी ध्यान से चीखते कमाल है
Ye jo khamosh alfaaz likhate hain na,
Padhna kabhi dhyan se cheekhte kamaal hain.
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कैसे बयान करूं अल्फाज़ नही हैं,
दर्द का मेरे तुझे एहसास नही है,
पूछते हो मुझसे क्या दर्द है..?
मुझे दर्द ये है कि तू मेरे पास नही है।
Kaise bayan karun alfaaz nahi hai,
Dard ka mere tujhe ehsaas nahi hai,
Puchte ho mujhse kya dard hai..?
Mujhe dard ye hai ki too mere paas nahi hai.
4 Line Alfaaz Shayari in Hindi
डाल दो अपनी दुआ के चंद
अल्फाज़ मेरी झोली में….
क्या पता, आपके लब
हिलें और मेरी ज़िन्दगी सवर जाए
Daal do apni duaa ke chand
Alfaaz meri jholi me,
Kya pata aapke lab
Hilen aur meri zindagi sawar jaye.
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सारी रात तुम्हारी यादों में
खत लिखते रहे….
पर दर्द ही इतना था कि अश्क बहते रहे
और अल्फाज़ मिटते रहे..!!
Sari raat tumhari yaadon me
Khat likhate rahe…
Par dard hi itna tha ki ashq bahte rahe
Aur alfaaz mitate rahe..!!
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अल्फाज़ दर अल्फ़ाज़
लफ्ज़ दर लफ़्ज़
मोहब्बत ऐसी हुई कुछ
सब के गया वो शख़्स..
Alfaaz dar alfaaz
Lafz dar lafz
Mohabbat esi hui Kuch
Sab le gaya wo shakhsh
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यूं तो अल्फाज़ नही हैं मेरे पास महफ़िल में सुनाने को,
खैर कोई बात नही जख्मों को ही कुरेद देता हूं…
Yun to alfaaz nahi Hain mere paas mahfil me sunane ko,
Khair koi baat nahi jakhmo ko hi kured deta hun…
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दोस्तों से रिश्ता रखा करो
जनाब, तबीयत मस्त रहेगी…
ये वो हकीम हैं, जो अल्फाज़ से
इलाज कर दिया करते हैं।
Doston Se Rishta Rakha Karo,
Janab, tabiyat mast rahegi…
Ye wo hakeem hain, jo alfaaz se
Ilaaz kar dete hain.
2 Line Alfaaz Shayari in Hindi
क्या लिखूं और कितना लिखूं,
दिल के एहसासों को,,
ज़िन्दगी भरी पड़ी है सब,
अनकहे अल्फाजों से.।।
Kya likhun aur kitna likhun,
Dil ke ehsason ko,
Zindagi bhari padi hai sab,
Ankahe alfaazon se..
************
दिल करता है तुझे सीने से लगा लूं,
मगर वो तेरे कड़वे अल्फाज़ याद आते हैं।
Dil karta hai tujhe seene se laga lun,
Magar wo Tere kadve alfaaz yaad aate Hain.
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तुम जा तो चुकी हो मेरी दुनिया से,
लेकिन मेरे अल्फाजों में जिंदा आज भी।
Tum ja to chuki ho meri duniya se,
Lekin mere alfaazon me zinda aaj bhi ho
************
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्ब्त तो है पर साहब तुमसे नही.!
💔🥀💯
Simat gaya mera pyaar chand alfaazon me,
Jab usne kaha mohabbt to hai par sahab tumse nahi..!
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एक उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में,
एक आस में🥀… एक काश… में।🖤
Ek Umar kati do alfaaz me,
Ek Aas me… ek kash me…
Alfaaz Shayari
अब ये न पूछना के मैं अलफ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ,🙂
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के 💙कुछ अपनी सुनाता हूँ।🖤
Ab ye mat puchhna ke mai alfaaz kahan se lata hun,
Kuchh churata hun dard dusron ke kuch apni sunata hun.
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कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फ़ाज़ ✍️ मेरे
मतलब मोहब्बत में बर्बाद और भी हुए हैं🖤
kuch log pasand karne lage hain alfaaz mere
Matlab Mohabbat me barbaad Aur Bhi huye hain.
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मेरे अल्फ़ाज ✍️ही है मेरे दर्द का मरहम…📝
गर मैं शायर ना होता तो पागल होता…!🙂💯
Mere Alfaaz hi hain mere dard ka marham
gar mai shayar na hota to pagal hota…
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सभी तारीफ करते हैं मेरे तहरीर की लेकिन😇
कभी कोई नहीं सुनता मेरे अल्फ़ाजो की सिसकियाँ💔✍️
sabhi tareef karte hain mere tahreer ki lekin
kabhi koi nahi sunta mere alfaazon ki siskiyan..
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आँसू मेरे देख के क्यों परेशान है ए दोस्त😊
ये तो वो अल्फ़ाज़ ✍️है जो जुबां तक ना आ सकेे💔
Aansu mere dekh ke kyon pareshan hai ye dost
ye to wo alfaaz hain jo juban tak na aa sake.
Alfaaz Shayari Sad
हम अल्फाजो ✍️से खेलते रह गए,
और वो दिल ❣️से खेल के चली गयी।🙂
ham alfaazon se khelte rah gaye,
aur wo dil se khel ke chali gai.
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कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता ✍️ हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,💙
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ 💌लिखता हूँ।💯
kalam chalti hai dil ki aawaj likhta hun,
Gam aur judai ke andaaz-a-bayan likhta hun,
rukte nahi meri aankhon se aansu,
mai jab bhi uski yaad me alfaaz likhta hun.
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बिखरे पड़े हैं दर्द कई तू समेट कर इन्हे अल्फाज़ 💌करदे,
जोड़ दे बिखरे पन्ने को मेरी जिंदगी को तू किताब❣️ कर दे।✍️
bikhre pade hain dard kai tu samet kar inhe alfaaz karde,
Jod de bikhre panne ko meri zindagi ko tu kitab kar de.
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है अनकहा बहुत कुछ, तेरे और मेरे बीच,
मै तेरी ख़ामोशी का, अलफ़ाज़ बनना चाहता हूँ।
Hai ankaha bahut kuchh, tere mere beech,
Mai teri khamoshi ka, alfaaz banna chahta hun.
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वो कहते हैं, कुछ बोलते नहीं तुम,
अब कैसे बताएं उन्हें, जज़्बात तो हैं
मगर अलफ़ाज़ नहीं।
Wo kahate hain, kuch bolte nahi tum,
Ab Kaise Batayen unhe, Jajbaat to hain
Magar Alfaaz nahi.
अनकहे अलफ़ाज़ शायरी
हम तो बहुत खास थे ये उनके
“अलफ़ाज़ थे”.
Ham bahut khaas to the ye unke
“alfaaz the”.
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प्यार मोहब्बत आशिक़ी
ये बस अलफ़ाज़ थे,
मगर जब तुम मिले तब इन
अल्फ़ाज़ों के मायने मिले।
Pyaar Mohabbat aashiqi
Ye bas alfaaz the,
Magar jab tum mile tab in
Alfaazon ke mayane mile.
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सच जानना है तो आसुंओ से पूछो,
अलफ़ाज़ अक्सर गुमराह कर देते हैं।
Sach Jananaa hai to aansuon se puchho,
Alfaaz aksar gumrah kar dete hain.
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इज़हार-ए-इश्क़ की खातिर कई अलफ़ाज़ सोचे थे,
खुद ही को भूल बैठे हैं हम, जब तुम सामने आये!!
Izhaar-E-Ishq ki khatir kai alfaaz soche the,
Khud hi ko bhul baithe hain ham, jab tum samne Aaye..
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काश तुम पढ़ लेते आँखों से अलफ़ाज़
जुबां के मोहताज तो पराये होते हैं।
Kaash tum padh lete aankhon se alfaaz
Juban ke mohtaaj to paraye hote hain.
Khamosh Alfaaz Shayari
लफ्ज़… अलफ़ाज़… कागज़ या किताब…
कहाँ कहाँ रक्खें हम… यादों का हिसाब…..
lafz… Alfaz… kagaz ya kitaab…
Kahan kahan rakhen ham… yadon ka hisaab…
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तीन चीज़ें कभी वापस नहीं आती,,
बोले गए अलफ़ाज़ गुज़रा हुआ वक़्त
टूटा हुआ भरोसा।
Teen cheejen kabhi nahi aati,
bole gaye alfaaz guzra hua waqt
toota hua bharosa.
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“तेरी मुस्कान तेरा लहज़ा और तेरे मासूम से अलफ़ाज़,
“और क्या कहूं बस बहुत याद आते हो तुम !!
Tere muskaan tera lahaza aur tere masoom se alfaaz
aur kya kahun bas bahut yaad aate ho tum.
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अलफ़ाज़ तो हमारे लिखे पढ़ लेता था
एहसास वो हमारे कभी पढ़ ना पाया।
alfaaz to hamare likhe padh leta tha
ehsaas wo hamare kabhi padh na paya.
Nice
Commendable
Bahut khub khubsurat. Your selected shayri gave words & expressions to my inner feelings. Really it touched my heart to the core and Dil mange more. Expecting something new in coming days
Mind blowing